चंद्रमा ग्रह को इतना मामूली ग्रह मत समझिए इसके अंदर अनेकों रहस्य छुपे हुए हैं आज हम आपको उन्हीं रहस्य के बारे में बताएंगे तो चलिए शुरू करते हैं
चंदा मामा दूर के पुए पकाए पुरके बचपन में यह बोल आप भी जरूर गुनगुनाए होंगे अक्सर हम तो चांद की तुलना खूबसूरती के लिए करते हैं इस की चांदनी और गोलाई के बारे में मिसाले दी जाती है लेकिन चांद के गोरा होने का यह रहस्य आप भी तक नहीं जानते होंगे चलिए आज हम आपको चंद्रमा से जुड़े वह रहस्य बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप दांतो तले उंगली दबा लेंगे
दरअसल हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पता चला कि चंद्रमा का गोलाकार आकृति का कारण चट्टानों का टकराव नहीं है बल्कि यहां वाष्पीकृत चट्टान की वजह से गोल बन है
अब तक यही माना जाता रहा कि चंद्रमा की गोलाई की वजह बारिश चट्टानों का आपसी टकराव था आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस वाष्पीकृत चट्टान को सिनेरिया नाम दिया गया है
यह अध्ययन दी जरनल जिओफिजिकल रिसर्च नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित हुआ अमेरिका की हावर्ड यूनिवर्सिटी नया खुलासा किया है शोधकर्ताओं का कहना है कि चंद्रमा की गोलाई के पीछे अब तक कई धारणा प्रचलित थी एक धारणा के अनुसार चांद का निर्माण मंगल ग्रह के आकार वाले आकाशीय पिंड के पृथ्वी के साथ टकराने की घटना के फलस्वरुप हुआ था
हालांकि इस तरह की कई काल्पनिक कथाएं प्राचीन ग्रंथों में भी दर्ज है कि चंद्रमा पृथ्वी का एकलौता उपग्रह है चांद पर कई तरह के विशाल गड्ढे और चट्टानें पाई जाती हैं अंतरिक्ष में तैर रहे आकाशीय पिंडों को लेकर इंसान की रूचि सदा से ही जिज्ञासा पूर्ण ही रही है तो चांद के बारे में यह अनोखे रहस्य जानकर आब तो आप भी समझ ही गए होंगे कि चंदामामा के गोल होने का राज क्या है आखिर
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