चीटियां एक ही लाइन पर चल चलते हैं क्या है इसका कारण देखिए इस पोस्ट में

            

         चीटियां एक ही लाइन में क्यों चलती है

दोस्तों आपने अक्सर यह देखा होगा कि कि चीटियां एक ही लाइन बनाकर क्यों चलती है क्या यह चीटियों की कोई रात रीति-रिवाज होती है या यह प्राकृतिक प होता है देखिए इस रिपोर्ट में


चीटियां इस वजह से एक ही लाइन पर चलती

चींटियों में कुछ ग्रंथियाँ होती हैं जिनसे फ़ैरोमोंस नामक रसायन निकलते हैं. इन्हीं के ज़रिए वो एक दूसरे के संपर्क में रहती हैं. चींटियों के दो स्पर्शश्रंगिकाएं या ऐंटिना होते हैं जिनसे वो सूंघने का काम करती हैं. रानी चींटी भोजन की तलाश में निकलती है तो फ़ैरोमोंस छोड़ती जाती है.
दूसरी चीटियाँ अपने ऐंटिना से उसे सूंघती हुई रानी चींटी के पीछे-पीछे चली जाती हैं. जब रानी चींटी एक ख़ास फ़ैरोमोन बनाना बंद कर देती है तो चीटियाँ, नई चींटी को रानी चुन लेती हैं. फ़ैरोमोंस का प्रयोग और बहुत सी स्थितियों में होता है. जैसे अगर कोई चींटी कुचल जाए तो चेतावनी के फ़ैरोमोन का रिसाव करती है जिससे बाक़ी चींटियाँ हमले के लिए तैयार हो to जाती हैं. फ़ैरोमोंस से यह भी पता चलता है कि कौन सी चींटी किस कार्यदल का हिस्सा है.
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