सूरज ढलते यहां पर कोई नहीं जाता ऐसा है भानगढ़ किला का मंजर भानगढ़ किला की क्या है रहस्यमई कहानी भानगढ़ किला

  

सूरज ढलते यहां पर कोई नहीं जाता नहीं तो हो जाती है उसकी मौत


भानगढ़ किला एक शानदार अतीत के आगोश में भानगढ़ किला 17 वीं शताब्दी में बनवाया गया था इस किले का इस किले का निर्माण मानसिंह के छोटे बेटे राजा मधु सिंह ने करवाया था राजा माधो सिंह उस समय अकबर के सेना में जर्नल पद पर तैनात थे उस समय भानगढ़ की जनसंख्या तकरीबन 10000 थी भानगढ़ अलवर जिले में स्थित एक शानदार किला है जो  कि बहुत ही विशाल आकार में तैयार किया गया चारों तरफ से पहाड़ों स घिरे इस किले की बेहतरीन शिल्प कला का प्रयोग किया गया है इसके अलावा इस किले मे  भगवान शिव हनुमान आज के बेहतरीन और अति प्राचीन मंदिर विधमन है

इस किले में कुछ 5 द्वार हैं और साथ-साथ एक मुख्य दीवार है इस किले में धरण और मजबूत पत्रों का प्रयोग किया गया है जो अति प्राचीन काल में अपने यथा स्थिति में पड़े हुए हैं भानगढ़ किला पर काले जादू सिंधिया का श्राप भानगढ़ किला जो देखने में जितना शानदार है उसका अतीत उतना ही भयानक आपको बता दें कि भानगढ़ किले के बारे में प्रसिद्ध कहानी के अनुसार भानगढ़ किला की राजकुमारी रत्नावती जो कि नाम से ही अनुरूप बेहद खूबसूरत थी उसमें उनके रूपों की चर्चा पूरे राज्य में हुआ करती थी और साथ देश कोने-कोने के राजकुमार उनसे विवाह करने के इच्छुक थे उस समय राजकुमारी की उम्र महज 18 वर्ष की थी और उनका योवन उनके रूप में और निखार ला चुका था उस समय कई राज्यों से उनके लिए विवाह के प्रस्ताव आ रहे थे उसी दौरान वह एक बार किले से अपनी सखियों के साथ बाजार में निकलती थी राजकुमारी रत्नावती एक इत्र की दुकान पर पहुंची और वह मित्रों को हाथ में लेकर उसकी खुशबू ले रही थी उसी समय उस दुकान से कुछ ही दूरी एक सिंधिया नाम का व्यक्ति खड़ा रानी को बहुत ध्यान से देख रहा था 

सिंधिया उसी राज्य में रहता था और उसे काले जादू में महारत हासिल थी ऐसा बताया जाता है कि वह राजकुमारी के रूप का दीवाना था और उनसे अति प्रेम करता था वह किसी भी तरह राजकुमारी को हासिल करना चाहता था इसीलिए इसीलिए उसने उस दुकान के पास आकर एक इत्र की बोतल जिसे रानी पसंद कर रही थी उनसे उस बोतल पर काला जादू कर दिया जो राजकुमारी के वशीकरण के लिए किया था और क्या हुआ राजकुमारी रत्नावती उस बोतल को उठाया लेकिन उसे वहीं पास के एक पत्थर पर पटक दिया पत्थर पर भटकते ही वह बोतल टूट गया और सारा एक उस पत्थर पर बिखर गया इसके बाद से ही वह पत्थर फिसलते हुए उस तांत्रिक के सिंधिया के पीछे चल पड़ा और तांत्रिक को कुचल दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई

मरने से पहले तांत्रिक ने श्राप दिया कि इस किले में रहने वाले सभी लोग जल्द ही मर जाएंगे और वह दोबारा जन्म नहीं ले सकेंगे और उनकी  ् आत्माएं इस किले में भटकती रहेंगे उस तांत्रिक के मौत के कुछ दिनों के बाद ही भानगढ़ और अजबगढ़ किले के बीच युद्ध हुआ जिसमें किले में रहने वाले सारे लोग मारे गए यहां तक राजकुमारी रत्नावनती भी श्राप से नहीं बच सकी और उनकी भी मौत हो गई एक ही किले में एक साथ इतने बड़े कत्लेआम के बाद वहां मौत की चीखें भूल आई आज भी उस किले में उनकी रूहे घूमती हैं

आज भी भटकती हैं आत्माएं एक बार भारतीय सरकार ने अर्धसैनिक बलों की एक टीम को यहां पर लगाई थी ताकि इस बात की सच्चाई को जाना जा सके लेकिन वह भी असफल रहे कई सैनिकों ने रूहों के इस इलाके में होने की पुष्टि की थी इस किले में जब आप अकेले होंगे तो तलवारों की झनकार और लोगों की चीखें को महसूस किया जा सकता है इसके किले के किले कमरों में महिलाओं के रोने या फिर चूड़ियों की भी खनकाने की आवाज साफ सुनी जा सकती है किले के पिछले हिस्से में जहां एक छोटा सा दरवाजा उस दरवाजे के पास बहुत ही अंधेरा रहता है कई बार वहां किसी के बात करने या विशेष प्रकार की गंध को महसूस किया गया है वही किले में शाम के वक्त बहुत ही सन्नाटा और अचानक ही किसी के चिकने की भयानक आवाज जिले में गूंजती है 

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